Tuesday, 11 February 2014

ऐ दिल मत रो सोच के तू ये

ऐ दिल मत रो
सोच के तू ये
हाथ में उसका हाथ नहीं
जो शामिल है हर धड़कन में
वो कब तेरे साथ नहीं

गुमसुम आँखे सूनी सांसे
टूटतू जुडती उम्मीदें
डरता हूँ यूं कैसे कटेगी
उम्र है कोई रात नहीं

तू मेरी खामोशी सुनके
इतनी भी गमगीन न हो
बस दुनिया में जी नहीं लगता
और तो कोई बात नहीं

ऐ दिल मत रो
सोच के तू ये
हाथ में उसका हाथ नहीं
जो शामिल है हर धड़कन में
वो कब तेरे साथ नहीं

http://youtu.be/ZbL2iCZDNhk

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