Wednesday, 22 January 2014

काश ऐसा भी कोई जहान मिले..

काश ऐसा भी कोई जहान मिले..
जहां हर चेहरे पर मुस्कान मिले...

बहुत हुआ इस जमीन पर इसांनियत का खून
लोग अब कहते है कुछ ऐसा हो कि हमें आसमान मिले,...

रोते हुए को देख कर किसी और की आँख भी रो पड़े,
काश ऐसा भी दुनिया में कोई जहान मिले,

नफरत की भावना हर जगह फैली है
कहीं तो मोहब्बत का भी कुछ निशान मिले..

दर्द के सिलसिले कभी खत्म ही नहीं होते,
खुशियों को खरीद सके, दुनिया में ऐसी भी दुकान मिले

सिर्फ इंसानों में ही क्यूँ है ये गिले-शिकवे?
इस दुनिया में ऐसा भी कोई शख्स हो जो बेजुबान मिले..

क्यों तलाश करते हो खुदा की, वो तुम में ही कहीं बसता है
बस शर्त ये है कि आज के दौर में पहले कोई इंसान मिले

'ख्वाहिश' कहता है कि वो दिन भी जरुर आयेगा..
जब मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में भगवान मिले ।

 

 -ख्वाहिश-

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