रहूँ जब दूर तुझसे मै तो दिल दिल सा नहीं रहता
किसीकी फिर ख़बर क्या हो पता अपना नहीं रहता
तिरी क़ुरबत के जलवो से हे रौशन ज़िन्दगी मेरी
तसव्वुर में न हो जो तू तो कुछ जलवा नहीं रहता
बनाया है तेरी यादों को जब से हम सफ़र मैंने
मुझे तुझसे बिछड़ने का कभी ख़तरा नहीं रहता
रहूँ जिस हाल में लेकिन उसूलो से नहीं हटता
उसूलो की तिजारत में कभी घाटा नहीं रहता
ज़माने से भी अब उम्मीद क्या रखना मियाँ बिस्मिल
ज़ियादा देर तक अपना यहाँ साया नहीं रहता
**((अय्यूब खान "बिस्मिल"))**
किसीकी फिर ख़बर क्या हो पता अपना नहीं रहता
तिरी क़ुरबत के जलवो से हे रौशन ज़िन्दगी मेरी
तसव्वुर में न हो जो तू तो कुछ जलवा नहीं रहता
बनाया है तेरी यादों को जब से हम सफ़र मैंने
मुझे तुझसे बिछड़ने का कभी ख़तरा नहीं रहता
रहूँ जिस हाल में लेकिन उसूलो से नहीं हटता
उसूलो की तिजारत में कभी घाटा नहीं रहता
ज़माने से भी अब उम्मीद क्या रखना मियाँ बिस्मिल
ज़ियादा देर तक अपना यहाँ साया नहीं रहता
**((अय्यूब खान "बिस्मिल"))**
No comments:
Post a Comment