आप हैं,, वो हैं,,, हम हैं
सबके अपने-अपने ज़ख़म हैं
सबके अपने-अपने ज़ख़म हैं
चलाइये, वक्त की गिन्नी भी चलेगी
ज़िन्दगियाँ ख़र्च होती रक़म हैं
ज़िन्दगियाँ ख़र्च होती रक़म हैं
उसका दावा है वो एक ही बार मरेगा
ऐसे लोग दुनियाँ में बहुत कम हैं
ऐसे लोग दुनियाँ में बहुत कम हैं
--- Somesh Shukla ---
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