जब तक जिन्दा है तू मरने की बात न कर
ऐ! कायरों की तरह आंसू की बरसात न कर
एक बाजी हारा है अभी जिंदगी बाकी है बहुत
अपने हाथों से अपने पैरों पर आघात न कर
जीवन शतरंज की बिगड़ी बाजी संवर सकती है
शह का जवाब दे जरा खुद को मात न कर
तू विराट हो सकता है अनंत आकाश जैसा
गमले में उगकर बहुत छोटी औकात न कर
यहाँ हर कोई केवल अपने में मस्त है ‘मधु’
इन पत्थरों के सामने तू बयाँ जज्बात न कर
-डॉ. मधुसूदन चौबे
ऐ! कायरों की तरह आंसू की बरसात न कर
एक बाजी हारा है अभी जिंदगी बाकी है बहुत
अपने हाथों से अपने पैरों पर आघात न कर
जीवन शतरंज की बिगड़ी बाजी संवर सकती है
शह का जवाब दे जरा खुद को मात न कर
तू विराट हो सकता है अनंत आकाश जैसा
गमले में उगकर बहुत छोटी औकात न कर
यहाँ हर कोई केवल अपने में मस्त है ‘मधु’
इन पत्थरों के सामने तू बयाँ जज्बात न कर
-डॉ. मधुसूदन चौबे
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