Sunday, 11 January 2015

अभी तो मेरे किस्सों की दास्तान बाकी है

डूब रही है सांसें मगर ये गुमान बाकी है
आने का किसी शख्स के अभी इकमान बाकी है

मुद्दत हुई इक शख्स को बिछड़े हुए लेकिन
आज तक मेरे दिल में एक निशान बाकी है

वो सायबान छिन गया तो कोइ ग़म नहीं
अभी तो मेरे सर पे ये आसमान बाकी है

कश्ति जरा किनारे के करीब ही रखना
बिखरी हुइ लहरों में अभी तूफान बाकी है

उसके अश्कों ने लब सी दिये वरना
अभी तो मेरे किस्सों की दास्तान बाकी है

- अज्ञात 

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