तेरी तसवीर भी तुझ जैसी हसीन है लेकिन
इस पे कुर्बान मेरी जान-ए-हज़ीं है लेकिन
ये मेरी ज़ख्मी उमंगों का मुदावा तो नहीं
हाल-इ-दिल इस बुत-इ-काफिर को सुनाऊँ कैसे
इसके रुखसारों की शादाबी को छेड़ूँ क्योंकर
इसके होंठों के तबस्सुम को जगाऊँ कैसे
ज़ब्त की ताब न कहने का सलीका मुझको
उस पे ये जुर्म के खामोश है तसवीर तेरी
घुटके मर जाऊं मगर किसी को खबर तक भी न हो
कैसी चट्टानों से टकराई है तक़दीर मेरी
यही तस्वीर तसव्वुर में उतर जाने पर
चाँद की किरणों से गो बढके निखर जाती है
दर्द पलकों से लिपट जाता है आंसू बन कर
मेरी एहसास की दुनिया ही बिखर जाती है
इस लिए तेरी तसव्वुर से नहीं खुद तुझसे
इल्तिजा करता हूँ बस इतना बता दे मुझको
क्या मेरी दिल की तडप का तुझे एहसास भी है
वरना फिर मेरी ही वहशत में सुला दे मुझको
http://www.youtube.com/watch?v=OdRJJC3W2gA&feature=share&list=PLpG1Fr8qArELeWNW76n_rGQ_sKFaWEKkk
इस पे कुर्बान मेरी जान-ए-हज़ीं है लेकिन
ये मेरी ज़ख्मी उमंगों का मुदावा तो नहीं
हाल-इ-दिल इस बुत-इ-काफिर को सुनाऊँ कैसे
इसके रुखसारों की शादाबी को छेड़ूँ क्योंकर
इसके होंठों के तबस्सुम को जगाऊँ कैसे
ज़ब्त की ताब न कहने का सलीका मुझको
उस पे ये जुर्म के खामोश है तसवीर तेरी
घुटके मर जाऊं मगर किसी को खबर तक भी न हो
कैसी चट्टानों से टकराई है तक़दीर मेरी
यही तस्वीर तसव्वुर में उतर जाने पर
चाँद की किरणों से गो बढके निखर जाती है
दर्द पलकों से लिपट जाता है आंसू बन कर
मेरी एहसास की दुनिया ही बिखर जाती है
इस लिए तेरी तसव्वुर से नहीं खुद तुझसे
इल्तिजा करता हूँ बस इतना बता दे मुझको
क्या मेरी दिल की तडप का तुझे एहसास भी है
वरना फिर मेरी ही वहशत में सुला दे मुझको
http://www.youtube.com/watch?v=OdRJJC3W2gA&feature=share&list=PLpG1Fr8qArELeWNW76n_rGQ_sKFaWEKkk
No comments:
Post a Comment