आंधियां दौड़ेंगी नन्हे दीप तुम्हें बुझाने को
मगर दो हथेलियाँ सहारा बनेंगी बचाने को ...
मगर दो हथेलियाँ सहारा बनेंगी बचाने को ...
कदम थम न जाए आख़िरी मंजिल से पहले
हौंसला दिल में होता है हर बाधा हटाने को
नजरें चौकन्नी हों और चाल में दृढ़ता रहे
लोग टंगड़ियाँ अड़ाएंगे तुम्हें लड़खड़ाने को
जमीं फाड़कर उग आये हो तो चौकस रहना
कई पैर आगे बढ़ेंगे नये पौधे के दबाने को
इंसान की नाखुशी से बेपरवाह रहना ‘मधु’
फूल, पंछी, किताबें हैं साथ खिलखिलाने को
- M Choubey
हौंसला दिल में होता है हर बाधा हटाने को
नजरें चौकन्नी हों और चाल में दृढ़ता रहे
लोग टंगड़ियाँ अड़ाएंगे तुम्हें लड़खड़ाने को
जमीं फाड़कर उग आये हो तो चौकस रहना
कई पैर आगे बढ़ेंगे नये पौधे के दबाने को
इंसान की नाखुशी से बेपरवाह रहना ‘मधु’
फूल, पंछी, किताबें हैं साथ खिलखिलाने को
- M Choubey
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