उसके प्यार में मैं, राख हो गया
उसके गुनाहों की, खुराक हो गया
सुना है, कईं लोग आबाद हो गए
मैं इस मोहब्बत में, खाख हो गया
उसके गुनाहों की, खुराक हो गया
सुना है, कईं लोग आबाद हो गए
मैं इस मोहब्बत में, खाख हो गया
भूले से भी मैं , तुझे भूल नहीं पाता
मेरे साथ ये क्या, इत्तेफाक हो गया
ढूँढ रहा हूँ बारिश की गीली बूंदों को
किसी दरख़्त की सूखी,शाख हो गया
हर मौसम करते हैं, यहाँ लोग इसे
इश्क न हुआ कोई, मज़ाक हो गया
मेरी कब्र पे हाथ फेरा है उसने आज ****
ऐ खुदा, मैं दामन-ए- पाख हो गया
लाख का था, जिंदा हाथी की तरह ****
ऐसा मरा के, सवा लाख हो गया
- कौशल पुनीत
मेरे साथ ये क्या, इत्तेफाक हो गया
ढूँढ रहा हूँ बारिश की गीली बूंदों को
किसी दरख़्त की सूखी,शाख हो गया
हर मौसम करते हैं, यहाँ लोग इसे
इश्क न हुआ कोई, मज़ाक हो गया
मेरी कब्र पे हाथ फेरा है उसने आज ****
ऐ खुदा, मैं दामन-ए- पाख हो गया
लाख का था, जिंदा हाथी की तरह ****
ऐसा मरा के, सवा लाख हो गया
- कौशल पुनीत
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