कुछ भी तो नहीं हांसिल यहाँ अश्क बहाने से
मुश्किलें भी कम होती हैं प्यारे मुस्कुराने से
तमाशा बन कर रह जाओगे सबकी नज़रों में तुम
सामना करो, कहाँ जाओगे भाग कर इस ज़माने से
इन पत्थरों से मंजिल तक का रास्ता ज्यादा दूर नहीं,
जो पेड उँचा खड़ा है, शुरू हुआ था वो भी इक दाने से
आसां नहीं है, करना पड़ता है 'एक' खून पसीना अपना
शौहरतें यूं ही नहीं मिल जाती किसी भी कारखाने से
पढ़ने वाले पढ़ लेते हैं चेहरों को हर हाल में
मुमकिन नहीं के छुप ही जाए हर चीज छुपाने से
शर्तों के दाम पर भी रिश्तों को निभाने चले हो
वाह 'ख्वाहिश" तुम भी बाज़ न आओगे चोट खाने से।
-- ख्वाहिश
मुश्किलें भी कम होती हैं प्यारे मुस्कुराने से
तमाशा बन कर रह जाओगे सबकी नज़रों में तुम
सामना करो, कहाँ जाओगे भाग कर इस ज़माने से
इन पत्थरों से मंजिल तक का रास्ता ज्यादा दूर नहीं,
जो पेड उँचा खड़ा है, शुरू हुआ था वो भी इक दाने से
आसां नहीं है, करना पड़ता है 'एक' खून पसीना अपना
शौहरतें यूं ही नहीं मिल जाती किसी भी कारखाने से
पढ़ने वाले पढ़ लेते हैं चेहरों को हर हाल में
मुमकिन नहीं के छुप ही जाए हर चीज छुपाने से
शर्तों के दाम पर भी रिश्तों को निभाने चले हो
वाह 'ख्वाहिश" तुम भी बाज़ न आओगे चोट खाने से।
-- ख्वाहिश
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