कितनी मुश्किल से कटी कल की रात, मत पूछ
दिल से निकली हुई होठों में दबी बात, मत पूछ..
वक्त जो बदले तो इंसान बदल जाते हैं
क्या नहीं दिखलाते गर्दिश-ए-हालात, मत पूछ..
वो किसी का हो भी गया और मुझे खबर भी ना हुई
किस तरह उसने छुड़ाया है मुझसे हाथ, मत पूछ..
इस तरह पल में मुझे बेगाना कर दिया उसने
किस तरह अपनों से खाई है मैनें मात, मत पूछ..
अब तेरा प्यार नहीं है तो सनम कुछ भी नहीं
कितनी मुश्किल से बनी थी दिल की कायनात, मत पूछ..
--- अज्ञात
दिल से निकली हुई होठों में दबी बात, मत पूछ..
वक्त जो बदले तो इंसान बदल जाते हैं
क्या नहीं दिखलाते गर्दिश-ए-हालात, मत पूछ..
वो किसी का हो भी गया और मुझे खबर भी ना हुई
किस तरह उसने छुड़ाया है मुझसे हाथ, मत पूछ..
इस तरह पल में मुझे बेगाना कर दिया उसने
किस तरह अपनों से खाई है मैनें मात, मत पूछ..
अब तेरा प्यार नहीं है तो सनम कुछ भी नहीं
कितनी मुश्किल से बनी थी दिल की कायनात, मत पूछ..
--- अज्ञात
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