Sunday, 6 April 2014

'वफा' कुछ और होती है

'वफा' इस को नहीं कहते, 'वफा' कुछ और होती है
मोहब्बत करने वालों की 'अदा' कुछ और होती है

तुम्हें देखा, तुम्हें चाहा, तुम ही से प्यार कर बैठे
सुनो पत्थर के दिल वालों, मोहब्बत ऐसी होती है

अगरचे ग़म का मारा हूँ, मगर तुम को ना भुलूंगा
के दीवानो के होठों पर 'दुआ' कुछ और होती है

तड़प उठेगी ये दुनिया अगर रोयेगा 'दिल' मेरा
कि दिल से जो निकलती है 'सदा' कुछ और

- अज्ञात

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