Thursday, 3 July 2014

जुदा होने के मौसम में जुदा होना भी पड़ता है

जुदा होने के मौसम में जुदा होना भी पड़ता है
जिसे मुश्किल से पाया हो उसे खोना भी पड़ता है

खुद पे मान इतना है कभी मुड़ कर नहीं देखा
जिसे कह दूँ कि मेरा है, उसे होना भी पड़ता है

मुझे नींद नहीं आती उसकी याद आने के बाद
मगर एक ख्वाब के लालच में फिर सोना भी पड़ता है

हमेशा हँसते रहता हूँ छुपा के ग़म मोहब्बत के
मगर जब उसका नाम आये तो रोना भी पड़ता है

- अज्ञात

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