Thursday, 3 July 2014

बिछड़ने से मुहब्बत तो नहीं मरती

उसे कहना बिछड़ने से मुहब्बत तो नहीं मरती

बिछड़ जाना मुहब्बत की सदाकत की अलामत है
मुहब्बत एक फितरत है, हाँ फितरत कब बदलती है
सो, जब हम दूर हो जाएं, नए रिश्तों में खो जाएं
तो यह मत सोच लेना तुम, 
के मुहब्बत मर गई होगी
नहीं ऐसे नहीं होगा ..

मेरे बारे में गर तुम्हारी आंखें भर आयें
छलक कर एक भी आंसू पलक पे जो उतर आये
तो बस इतना समझ लेना,
जो मेरे नाम से इतनी तेरे दिल को अकीदत है
तेरे दिल में बिछड़ कर भी अभी मेरी मुहब्बत है 

मुहब्बत तो बिछड़ कर भी सदा आबाद रहती है
मुहब्बत हो किसी से तो हमेशा याद रहती है
मुहब्बत वक़्त के बे-रहम तूफ़ान से नहीं डरती
उसे कहना बिछड़ने से मुहब्बत तो नहीं मरती ?.!

-- शायर मोहसिन नकवी

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