जिन राहों में तूने बिछाए थे कांटे,
उन राहों में मैं फूल छोड़ आया हूँ.
जहाँ छोड़े थे तूने अपने कदमो के निशान,
उन राहों में अपना दिल छोड़ आया हूँ.
कभी जिस हवा ने उड़ाया था तेरा आँचल,
उन हवाओं का मैं रुख मोड़ आया हूँ.
जो ख्वाब रातों में आके तुझको डराते थे,
उन ख्वाबों को हकीकत से लड़ने छोड़ आया हूँ.
तेरी जो मुस्कान खो गयी थी लम्बे अरसे से,
बीते वक़्त में जाकर उसको ढूंढ आया हूँ.
जो यादें ज़ख्म बनकर दुखाती हो तडपती हो,
उन यादों को वर्तमान के समंदर में छोड़ आया हूँ.
मेरी खुश्क आँखों पर यूं शक न कर " बेताब"
अपने आंसू मैं अश्कों के समंदर मैं छोड़ आया हूँ,
----------बेताब--------------
उन राहों में मैं फूल छोड़ आया हूँ.
जहाँ छोड़े थे तूने अपने कदमो के निशान,
उन राहों में अपना दिल छोड़ आया हूँ.
कभी जिस हवा ने उड़ाया था तेरा आँचल,
उन हवाओं का मैं रुख मोड़ आया हूँ.
जो ख्वाब रातों में आके तुझको डराते थे,
उन ख्वाबों को हकीकत से लड़ने छोड़ आया हूँ.
तेरी जो मुस्कान खो गयी थी लम्बे अरसे से,
बीते वक़्त में जाकर उसको ढूंढ आया हूँ.
जो यादें ज़ख्म बनकर दुखाती हो तडपती हो,
उन यादों को वर्तमान के समंदर में छोड़ आया हूँ.
मेरी खुश्क आँखों पर यूं शक न कर " बेताब"
अपने आंसू मैं अश्कों के समंदर मैं छोड़ आया हूँ,
----------बेताब--------------