बस ये हसरत है कि दामन की हवा दो मुझको
फिर अगर चाहो मिटाना तो मिटा दो मुझको
शमअ की तरहां मैरे पहलु में पिघलो तो सही
अपनी क़ुर्बत की तपिश देके ही जला दो मुझको
ख़त्म क़िस्सा ये करो या तो मेरी जाँ लेकर
राह जीने की नई या के बता दो मुझको
टूट जाये ये मेरी तुम से सभी उम्मीदें
आज मौक़ा है चलो कोई दग़ा दो मुझको
ज़ख़्म सब भरने लगे जीना हुआ मुश्किल सा
करके ईजाद सितम कोई नया दो मुझको
तुमसे वाबस्ता अगर ग़म है मुझे प्यारे हैं
कब कहा मैंने मसर्रत की दुआ दो मुझको
तुमसे करता तो है इज़हारे तमन्ना बिस्मिल
देखो ऐसा न हो नज़रों से गिरा दो मुझको
अय्यूब ख़ान "बिस्मिल
फिर अगर चाहो मिटाना तो मिटा दो मुझको
शमअ की तरहां मैरे पहलु में पिघलो तो सही
अपनी क़ुर्बत की तपिश देके ही जला दो मुझको
ख़त्म क़िस्सा ये करो या तो मेरी जाँ लेकर
राह जीने की नई या के बता दो मुझको
टूट जाये ये मेरी तुम से सभी उम्मीदें
आज मौक़ा है चलो कोई दग़ा दो मुझको
ज़ख़्म सब भरने लगे जीना हुआ मुश्किल सा
करके ईजाद सितम कोई नया दो मुझको
तुमसे वाबस्ता अगर ग़म है मुझे प्यारे हैं
कब कहा मैंने मसर्रत की दुआ दो मुझको
तुमसे करता तो है इज़हारे तमन्ना बिस्मिल
देखो ऐसा न हो नज़रों से गिरा दो मुझको
अय्यूब ख़ान "बिस्मिल
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