Tuesday, 20 August 2013

कोई दोस्त है न रकीब है,

कोई दोस्त है न रकीब है,
तेरा शहर कितना अजीब है.
 .
वह जो इश्क था वह जूनून था,
ये जो हिज्र है ये नसीब है.
.
यहाँ किसका चेहरा पढ़ करूं,  
यहाँ कौन इतना करीब है.
.
मैं किसे कहूं मेरे साथ चल,  
यहाँ सब के सर पे सलीब है.

http://youtu.be/Dl88aEa59-A

Saturday, 17 August 2013

कभी तन्हाई में उनसे.... मेरी मुलाक़ात तो हो....


कभी तन्हाई में उनसे.... मेरी मुलाक़ात तो हो....
साथ बैठें पल दो पल... कुछ ऐसी बात तो हो....

रोज़ वो आतें हैं चल कर .....टहलने मेरे ख़्वाबों में..
जायें न आके फ़िर कहीं... कोई ऐसी रात तो हो...

जानतें वो नहीं हैं शायद...कि दिल में अक्स है उनका...
तड़पे वो भी मेरी ख़ातिर... ऐसे ज़ज्बात तो हो..

ज़िंदगी की तल्खियां छोड़.. महीने में हम सावन के.....
साथ भीगें कभी पहरों .... ऐसी बरसात तो हो...

सफ़र तन्हा और राहें ....भरीं हैं गम के तूफां से....
बचाए जो थपेड़ों से ... वो मेरे साथ तो हो...

---- तरुणा मिश्रा...

Friday, 16 August 2013

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी

Karoge yaad to Har Baat Yaad Aayegi...

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
 गुजरते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी
 .
ये चाँद बीते जमानो का आईना होगा
भटकते अब्र में चेहरा कोई बना होगा
उदास राह कोई दास्ताँ सुनाएगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी.
 .
 बरसता भींगता मौसम धुँआ धुँआ होगा
पिघलती शम्मो पे दिल का मेरे गुमा होगा
 हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलायेगी
 करोगे याद तो.....
.
गली के मोड़ पे, सूना सा कोई दरवाजा
तरसती आँखों से, रास्ता किसी का देखेगा
 निगाह दूर तलक, जा के लौट आयेगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी. 

http://youtu.be/4QiTt00f8QI

Wednesday, 14 August 2013

वो भी रो देगा उसे हाल सुनाएँ कैसे,

Wo bhi ro dega use haal sunaun kaise???

वो भी रो देगा उसे हाल सुनाएँ कैसे,
मोम का घर है, चरागों को जलाएँ कैसे,

डबडबाई हुई आँखों का खयाल आता है,
उठ के महफिल से तेरी जाएँ तो जाएँ कैसे

दूर होता तो उसे ढूंढ भी लेते लेकिन
दिल में छुप के जो बैठा है उसे पाएँ कैसे।

http://youtu.be/3kAUhnAku18

Tuesday, 13 August 2013

बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी,

 Beete Huye Lamhon ki Kasak Saath to hogi..


बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी,
ख्वाबों ही मे हो चाहे, मुलाकात तो होगी
.
ये प्यार में डूबी हुई रंगीन फिज़ाएँ
ये चहरे, ये नजरे, ये जवाँ रुत, ये हवाएँ
हम जाएँ कहीं, इनकी महक साथ तो होगी
बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी,
ख्वाबों ही मे  हो चाहे, मुलाकात तो होगी
.
फूलों की तरह दिल में बसाएँ हुए रखना
यादों के चरागों को जलाए हुए रखना
लम्बा है सफर इसमें कहीं रात तो होगी
बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी,
ख्वाबों ही मे  हो चाहे, मुलाकात तो होगी
.
ये साथ गुज़ारे हुए लम्हात की दौलत
जज़्बात की दौलत ये खयालात की दौलत
कुछ पास न हो पास ये सौगात तो होगी
बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी,
ख्वाबों ही मे  हो चाहे, मुलाकात तो होगी

http://youtu.be/_NX5LvqUuSQ

Wednesday, 7 August 2013

है तेरे साथ मेरी वफ़ा, मैं नहीं तो क्या

 Hai Tere Saath Meri wafa, Main Nahin to Kya.

है तेरे साथ मेरी वफ़ा, मैं नहीं तो क्या
ज़िंदा रहेगा प्यार मेरा, मैं नहीं तो क्या
.
तेरे लिये उजालों की कोई कमी नहीं
सब तेरी रोशनी है, मेरी रोशनी नहीं
कोई नया चिराग़ जला, मैं नहीं तो क्या
है तेरे साथ मेरी वफ़ा, मैं नहीं तो क्या
.
कुछ धड़कनों का ज़िक्र हो, कुछ दिल की बात हो
मुमकिन है इसके बाद, न दिन हो न रात हो
मेरे लिये न अश्क़ बहा, मैं नहीं तो क्या
है तेरे साथ मेरी वफ़ा, मैं नहीं तो क्या
.
http://youtu.be/hazEg3H8fHc

Tuesday, 6 August 2013

लोग कहते हैं अज़नबी तुम हो

 Log Kahte hain, Aznabi tum ho.

लोग कहते हैं अज़नबी तुम हो
अजनबी मेरी जिन्दगी तुम हो
.
दिल किसी और का न हो पाया
आरज़ू मेरी आज भी तुम हो
.
मुझको अपना शरीक-ए-गम कर लो
युँ अकेले बहुत दुखी तुम हो
.
दोस्तो से वफा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो
.
.
http://youtu.be/g7p9FlgDrVU

Monday, 5 August 2013

उसकी आँखों में मुहब्बत का सितारा होगा

 Uski Aankho me Muhabbat ka Sitara Hoga.

उसकी आँखों में मुहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा वो शख्स हमारा होगा

तुम जहाँ मेरे लिए सीपियाँ चुनती होगी
वो किसी और ही दुनिया का किनारा होगा

जि़न्दगी अब के मेरा नाम शामिल ना करना
गर ये तय है कि यही खेल दुबारा होगा

जिसके होने से मेरी सांस चला करती थी
किस तरह उसके बगैर अपने गुज़ारा होगा

ये अचानक जो उजाला सा हुआ जाता है
दिल ने चुपके से तेरा नाम पुकारा होगा

इश्क करना है तो दिन रात उसे सोचना है
और कुछ ज़हन मे आया तो खसारा होगा

ये जो पानी में चला आया सुनहरी सा गरूर
उसने दरिया में कहीं पाँव उतारा होगा

कौन रोता है यहा रात के सन्नाटों में
मेरे जैसा ही कोई हिज्र का मारा होगा

मुझको मालूम हो ज्योंही मैं कदम रखूंगा
जिंदगी तेरा कोई और किनारा होगा

जो मेरी रूह में बादल से गरज़ते हैं
उसने सीने में कोई दर्द उतारा होगा

काम मुश्किल है मगर जीत ही लुंगा उसको
मेरे मौला का ज्योंही इशारा होगा।

उसकी आँखों में मुहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा वो शख्स हमारा होगा


--- Wassi Shah Poetry..

http://youtu.be/lkG4yIHoNE8

Sunday, 4 August 2013

अजीब सानहा मुझ पर गुज़र गया यारों

Azeeb Sanha Mujh par Guzar gaya yaron.

अजीब सानहा मुझ पर गुज़र गया यारों
मैं अपने साये से कल रात डर गया यारों

हर एक नक्श तमन्ना का हो गया धुंधला
हर एक ज़ख्म मेरे दिल का भर गया यारों

भटक रही थी जो कश्ती वो गक्र-ए-आब हुई
चढ़ा हुआ था जो दरिया उतर गया यारों

वो कौन था वो कहाँ का था क्या हुआ था उसे
सुना है आज कोई शक्स मर गया यारों

http://www.youtube.com/watch?v=cEuT3w-L76U&feature=share&list=PLpG1Fr8qArELeWNW76n_rGQ_sKFaWEKkk

 

आपकी याद आती रही रात भर

Aapki Yaad Aati Rahi Raat Bhar.

आपकी याद आती रही रात भर
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर
आपकी याद आती रही

रात भर दर्द की शम्मा जलती रही
गम की लौ थरथराती रही रात भर
आपकी याद आती रही

बांसुरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बनके आती रही रात भर
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर
आपकी याद आती रही

याद की चाँद दिल में उतरती रही
चाँदनी जगमगाती रही रात भर
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर
आपकी याद आती रही

कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रात भर
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर
आपकी याद आती रही

http://www.youtube.com/watch?v=KaGj5hpFQpk&feature=share&list=PLpG1Fr8qArELeWNW76n_rGQ_sKFaWEKkk

Saturday, 3 August 2013

दर्द-ए-तन्हाई में.....

बेचैनिया हैं साँसे रुकी है, तन्हाइयों में तेरी कमी है
आँखों में आँसु थमते नही हैं, कैसे हैं ये पल कटते नहीं हैं
दर्द-ए-तन्हाई में.....

फूलों की ये शाखी ...है कांटो से सजी
मिटाने से... ना मिटेगी .... दिल की ये बेबसी
जो हम पे गुज़री है... बीतें तुम पे कभी
तुमको भी याद आए.. बीती बांते सभी
मुश्किल है खुशियों से गम का मिलना यहाँ
शोलो में लिपटा हैं मेरे दिल का जहाँ
दर्द-ए-तन्हाई में
.
ऐसा भी हम जिएगें .. कभी सोचा ही नहीं
जो सपने... टूट जाए... वो जुड़ते फिर नहीं
डसती है.. यदों की... परछाईयाँ तेरी
आवारा.. इस दिल की... कोई मंजिल ही नहीं..
साहिल से ये लहरे क्यों होती है जुदा
आँखो के ये आँसु तुझे देते हैं सदा
दर्द-ए-तन्हाई में....

.
http://www.youtube.com/watch?v=QySC5Kvb_Kc&feature=share&list=PLpG1Fr8qArELeWNW76n_rGQ_sKFaWEKkk

Friday, 2 August 2013

I miss you like crazy - The Moffatts


I used to call you my girl
I used to call you my friend
I used to call you the love
The love that I never had
When I think of you
I don't know what to do
When will I see you again
I miss you like crazy
Even More than words can say
I miss you like crazy
Every minute of every day
Girl I'm so down
when your love's not around

I miss you, miss you, miss you
I miss you like crazy

You are all that I want
You are all that I need
Can't you see how I feel
Can't you see that my pain's so real
When I think of you
I don't know what to do
When will I see you again
I miss you like crazy
Even More than words can say
I miss you like crazy
Every minute of every day
Girl I'm so down
when your love's not around

I miss you, miss you, miss you
I miss you like crazy

http://youtu.be/8bRUrUQOaBk

तुमने तोड़ दिया रिश्ता ,कुछ तो ज़ोर पड़ा होगा

तुमने तोड़ दिया रिश्ता ,कुछ तो ज़ोर पड़ा होगा
जो मौसम हम तुम में था, वो इक ओर खड़ा होगा

... पहली बार मिलीं जब तुम, तुम कितना सकुचाईं थीं
होंठों पर कम्पन भी था, तुम थोडा घबराईं थीं
वो पहला पल यादों में, अब भी कहीं जड़ा होगा
जो मौसम हम तुम में था,वो इक ओर खड़ा होगा

जाने कैसा जादू था, जाने क्या आकर्षण था
जब तुम मेरे सम्मुख थीं ,स्वर्णिम -स्वर्णिम हर क्षण था
सुरभित -सुरभित वो हर क्षण, अब भी कहीं पड़ा होगा
जो मौसम हम तुम में था, वो इक ओर खड़ा होगा

ख़ुशबू का झोंका तुमसे, ,आकर कुछ कहता होगा
चित्र हमारा आँखों में, अक्सर ही रहता होगा
जब सोचा होगा हमको, मन कमज़ोर पड़ा होगा
जो मौसम हम तुम में था, वो इक ओर खड़ा होगा

जब भी मिलते थे तुमसे ,मन की बातें करते थे
जब तुम खुलकर हँसतीं थीं, कितने रंग उभरते थे
सोच न पाईं तुम शायद ,तुम बिन वक़्त कड़ा होगा
जो मौसम हम तुम में था, वो इक ओर खड़ा होगा

तुमने जाने क्या सोचा ,तुमने जाने क्या समझा
हम धागे से टूट गए, अलग किया तुमने रस्ता
ज्यूँ हममें आया पतझर, ,यूँ हर पात झड़ा होगा
जो मौसम हम तुम में था वो इक ओर खड़ा होगा

तुम बिन भी दिन बीतेंगे,मर - मर कर हम जी लेंगे
ज़हर अगर पीना है तो, हम उसको भी पी लेंगे
इतना तो तय है तुम बिन ,हर दुःख और बड़ा होगा
जो मौसम हम तुम में था, वो इक ओर खड़ा होगा

तुमने तोड़ दिया रिश्ता ,कुछ तो ज़ोर पड़ा होगा
जो मौसम हम तुम में था, वो इक ओर खड़ा होगा

- -नित्यानंद `तुषार`

स्पर्श तुम्हारा मिल रहा है

स्पर्श तुम्हारा मिल रहा है..............................

प्रिये, तुम हो हजारों मील दूर मुझसे,
पर इन हवाओं से मुझे स्पर्श तुम्हारा मिल रहा है,

... तुम न कहो कुछ भी चाहे मुझसे,
पर दिल मेरा, दिल से तुम्हारे सब कुछ सुन रहा है,

तुम मुझे याद आते रहते हो हर वक्त,
बस इसीलिए वक्त मेरा कुछ सकूं से निकल रहा है,

मेरे ख्वाबों में तुम आते रहना प्रति दिन,
सोचना ना ये तुम, के मेरा काम बिन तुम्हारे चल रहा है,

यूँ तो यादें तुम्हारी साथ दे रहीं हैं मेरा,
पर पानेको मुस्कान तुम्हारी, मन मेरा मचल रहा है,

विरह क्या चीज़ है मुझे पता नहीं था,
आज यूँ बिछुड़ कर तुमसे, सब पता मुझे चल रहा है.

प्रिये, तुम हो हजारों मील दूर मुझसे,
पर इन हवाओं से, मुझे स्पर्श तुम्हारा मिल रहा है........

........................................वीरेंद्र अजनबी..

Thursday, 1 August 2013

ये हौसला कैसे झुके, ये आरजू कैसे रुके

Ye hausla kaise jhukhe, Ye Aarzu Kaise Ruke..

रिश्ते भरोसे चाहत यकीं
उन सबका दामन अब चाक है
समझे थे हाथों मे है जमीन
मुट्ठूी जो खोली तो खाक है
दिल में ये शोर है क्यों
ईमान कमजोर है क्यों
नाजुक ये डोर है क्यों

ये हौसला कैसे झुके
ये आरजू कैसे रुके - 2

मंजिल मुश्किल तो क्या
धुंधला साहिल तो क्या
तन्हा ये दिल तो क्या
हो.....

राह पे कांटे बिखरे अगर
उसपे तो फिर भी चलना ही है
शाम छुपाले सूरज मगर
रात को एक दिन ढ़लना ही है
रुत ये टल जाएगी
हिम्मत रंग लाएगी
सुबह फिर आयेगी

ये हौसला कैसे झुके
ये आरजू कैसे रुके - 2
हो.....

होगी हमें जो रहमत अदा
धूप कटेगी साये तले
अपनी खुदा से है ये दुआ
मंजिल लगा ले हमको गले
जुर्रत सौ बार रहे
उँचा इकरार रहे
जिंदा हर प्यार रहे

ये हौसला कैसे झुके
ये आरजू कैसे रुके - 2
हो.....

http://youtu.be/d8me1GXijJA