Monday, 5 August 2013

उसकी आँखों में मुहब्बत का सितारा होगा

 Uski Aankho me Muhabbat ka Sitara Hoga.

उसकी आँखों में मुहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा वो शख्स हमारा होगा

तुम जहाँ मेरे लिए सीपियाँ चुनती होगी
वो किसी और ही दुनिया का किनारा होगा

जि़न्दगी अब के मेरा नाम शामिल ना करना
गर ये तय है कि यही खेल दुबारा होगा

जिसके होने से मेरी सांस चला करती थी
किस तरह उसके बगैर अपने गुज़ारा होगा

ये अचानक जो उजाला सा हुआ जाता है
दिल ने चुपके से तेरा नाम पुकारा होगा

इश्क करना है तो दिन रात उसे सोचना है
और कुछ ज़हन मे आया तो खसारा होगा

ये जो पानी में चला आया सुनहरी सा गरूर
उसने दरिया में कहीं पाँव उतारा होगा

कौन रोता है यहा रात के सन्नाटों में
मेरे जैसा ही कोई हिज्र का मारा होगा

मुझको मालूम हो ज्योंही मैं कदम रखूंगा
जिंदगी तेरा कोई और किनारा होगा

जो मेरी रूह में बादल से गरज़ते हैं
उसने सीने में कोई दर्द उतारा होगा

काम मुश्किल है मगर जीत ही लुंगा उसको
मेरे मौला का ज्योंही इशारा होगा।

उसकी आँखों में मुहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा वो शख्स हमारा होगा


--- Wassi Shah Poetry..

http://youtu.be/lkG4yIHoNE8

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