कोई दोस्त है न रकीब है,
तेरा शहर कितना अजीब है.
ये जो हिज्र है ये नसीब है.
यहाँ कौन इतना करीब है.
यहाँ सब के सर पे सलीब है.
http://youtu.be/Dl88aEa59-A
तेरा शहर कितना अजीब है.
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वह जो इश्क था वह जूनून था,ये जो हिज्र है ये नसीब है.
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यहाँ किसका चेहरा पढ़ करूं,
यहाँ कौन इतना करीब है.
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मैं किसे कहूं मेरे साथ चल,
यहाँ सब के सर पे सलीब है.
http://youtu.be/Dl88aEa59-A
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