Monday, 22 July 2013

जुबां पे दर्द भरी दास्तां चली आई

Juban pe Dard Bahri Dastan Chali aayi.

जुबां पे दर्द भरी दास्तां चली आई - 2
बहार आने से पहले खिज़ां चली आई
जुबां पे दर्द भरी दास्तां चली आई

खुशी की चाह में मैने उठाए राज बड़े -2
मेरे नसीब के मेरे कदम जहाँ भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी भी वहां चली आई
जुबां पे दर्द भरी दास्तां चली आई

उदास रात है वीरान दिल की महफिल है - 2
ना हमसफर है कोई और ना कोई मंज़िल है
ये जिंदगी मुझे लेकर कहाँ चली आई
जुबां पे दर्द भरी दास्तां चली आई
बहार आने से पहले खिज़ां चली आई
जुबां पे दर्द भरी दास्तां चली आई

http://youtu.be/g-unu0DOZ5Q

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