Tuesday, 23 July 2013

तन्हाई... तन्हाई...

Tanhai... Tanhai...

तन्हाई... तन्हाई...
दिल के रास्ते में ऐसी ठोकर मैने खाई,
टूटे ख्वाब सारे, एक मायूसी है छाई,
हर खुसी सो गई, जिन्दगी खो गई,
तुमको जो प्यार किया मैने तो सजा मे पाई
तन्हाई... तन्हाई... मीलों है फैली हुई तन्हाई

ख्वाब में देखा था एक आंचल मैने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते है इन आँखो में
कल कोई था यहीं, अब कोई भी नहीं
बनके नागिन जैसे है साँसो में लहराई
तन्हाई... तन्हाई... मीलों है फैली हुई तन्हाई

क्यों ऐसी उम्मीद की मैने जो ऐसे नाकाम हुई
दूर बनाई थी मंजिल तो रस्ते में ही शाम हुई
अब कहाँ जाउँ मैं, किसको समझाउँ मैं
क्या मैने चाहा था और क्यूं किस्मत मे आई
तन्हाई.. तन्हाई... जैसे अंधेरो की हो गहराई

दिल के रास्ते में ऐसी ठोकर मैने खाई,
टूटे ख्वाब सारे, एक मायूसी है छाई,
हर खुसी सो गई, जिन्दगी खो गई,
तुमको जो प्यार किया मैने तो सजा मे पाई
तन्हाई... तन्हाई... मीलों है फैली हुई तन्हाई
तन्हाई... तन्हाई... तन्हाई... तन्हाई...


http://youtu.be/Ai2ObPZsYVU

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