Tuesday, 30 July 2013

ऐसे तेरे बगैर जिए जा रहें हैं हम

Aise Tere Bagair Jiye Jaa Rahen hain hum.

ऐसे तेरे बगैर जिए जा रहें हैं हम,
जैसे कोई गुनाह किए जा रहें हैं हम

तू जिन्दगी है तुझसे रहें दूर किस तरह
मर मर के जी रहें है तेरे गम में इस तरह
इलज़ाम जैसे कोई लिए जा रहें हैं हम
जैसे कोई गुनाह किए जा रहें हैं हम

कहते हैं लोग जिंदा है तुझसे बिछड़ के हम
लेकिन तेरी जुदाई में बिछ़ड़े हुए सनम
कांधो पे अपनी लाश लिए जा रहें हैं हम
जैसे कोई गुनाह किए जा रहें हैं हम

दिल रो रहा है आँख में आँसू मगर नहीं
रुसवा ना तेरा प्यार हो फरियाद से कहीं
इस डर से अपने होंठ सिए जा रहें हैं हम
जैसे कोई गुनाह किए जा रहें हैं हम

ऐसे तेरे बगैर जिए जा रहें हैं हम,
जैसे कोई गुनाह किए जा रहें हैं हम

http://www.youtube.com/watch?v=3bW5rOG06XE&feature=share&list=PLpG1Fr8qArELeWNW76n_rGQ_sKFaWEKkk

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