Monday, 29 July 2013

मंजिल न दे, चराग न दे, हौसला तो दे,

Manzil na de, Charag na de, Hausla to de..

मंजिल न दे, चराग न दे, हौसला तो दे
तिनके का हि सही तू मगर आसरा तो दे

मैंने ये कब कहा कि मेरे हक में हो जवाब
लेकिन खामोश क्यों है तु कोई फैसला तो दे

बरसों मैं तेरे नाम पे खाता रहा फरेब
मेरे खुदा कहां है तु अपना पता तो दे

बेशक मेरे नसीब पे रख अपना इख्तियार
लेकिन मेरे नसीब में क्या है बता तो दे


http://youtu.be/_7uJOHOxgUY

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