चन्दन के पेड़ों से तू सांप उतार ले मौला
या सांप के अंदर का जहर मार ले मौला
तेरे बनाये सिलसिले बड़े ही बेढब हो गये
कौशल बढ़ा अपने हुनर को सुधार ले मौला
तेरे गढ़े हुए बंदे बदबू मारने लगे हैं बहुत
किसी और जहाँ से मिट्टी उधार ले मौला
बिकने लगे हैं सत्य, ईमान रद्दी के भाव
धरती पर उतर हाथों में बाजार ले मौला
जहाँ के हालातों से गर नावाकिफ है ‘मधु’
तीन रूपये निकाल और अखबार ले मौला
-डॉ. मधुसूदन चौबे
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