Sunday, 25 May 2014

सबसे पीछे हूँ पर किसी से कम नहीं

सबसे पीछे हूँ पर किसी से कम नहीं
देख ले जरा, मेरी आँखें नम नहीं..
आज वक्त कुछ और है कल कुछ और होगा
ये ना सोच कि.मुझ में अब और दम नहीं..
मैं मुश्किलों मे मुस्कुराने का हौंसला रखता हूँ
ये देख कर यूं ना सोच कि मुझे कोइ ग़म नहीं..
मैं मेरे जख्मों को सीना जानता हूँ..
मेरे जख्मों का दुनिया के पास कोइ मरहम नहीं..
मुझे जिसका खौफ़ है वो सिर्फ मेरा खुदा है..
जो मुझे डरा दे ऐसी कोइ दुनिया की सितम नहीं..
आज के हसीन पल में रहकर गुजरे दौर को ना भुलाओ
अपने गुजरे हुए दौर को भूला देने वालों में हम नहीं..

-ख्वाहिश

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