फुरसत मिले जब भी रंजिशें भुला देना
कौन जाने साँसों का साथ है कब तक।
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दिल का दर्द आँखों में ले आये ...
ये क्यों रिश्तों में फासले आये
सब कुछ पा कर भी, फिर खो दिया..
अपने हक में जो कुछ फैसले आये,
वो दरिया जो सबसे खामोश था
आज उसी में गहरे जलजले आये,
वो मुसाफिर जो उम्र भर तन्हा चलता रहा
पीछे उसके हमेशा से काफिले आये...
फूलों से पुछो कभी काँटों की भी कीमत..
लोग तो बस फूलों की बोली लगाने आये
'ख्वाहिश' नहीं भूलता गुजरे हुए दौर को कभी
जिदंगी में चाहे लाख मौसम बुरे-भले आये ।
--- ख्वाहिश
कौन जाने साँसों का साथ है कब तक।
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दिल का दर्द आँखों में ले आये ...
ये क्यों रिश्तों में फासले आये
सब कुछ पा कर भी, फिर खो दिया..
अपने हक में जो कुछ फैसले आये,
वो दरिया जो सबसे खामोश था
आज उसी में गहरे जलजले आये,
वो मुसाफिर जो उम्र भर तन्हा चलता रहा
पीछे उसके हमेशा से काफिले आये...
फूलों से पुछो कभी काँटों की भी कीमत..
लोग तो बस फूलों की बोली लगाने आये
'ख्वाहिश' नहीं भूलता गुजरे हुए दौर को कभी
जिदंगी में चाहे लाख मौसम बुरे-भले आये ।
--- ख्वाहिश
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